है दूसरे के कंधे पर बंदूक चलाने से कंधे भी चले जाते हैं और बंदूक भी इसलिए क्यूबा ना बने है दूसरे के कंधे पर बंदूक चलाने से कंधे भी चले जाते हैं और बंदूक भी इसलिए क्यूबा...
मुराद बस जमीन पर गिर पड़ा, उसकी आँखें खुली की खुली रह गईं, जैसे पलक झपकाना भूल गया हों औ मुराद बस जमीन पर गिर पड़ा, उसकी आँखें खुली की खुली रह गईं, जैसे पलक झपकाना भूल गय...
जो अपनी अवधारणा, शिल्पपूर्ण विचारों और विचारों के साथ कुछ नवीन और रचनात्मक करना चाहते थ जो अपनी अवधारणा, शिल्पपूर्ण विचारों और विचारों के साथ कुछ नवीन और रचनात्मक करना ...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
पेड़ नहीं रहे इस धरती पर, तो कैसा होगा यह जीवन? पेड़ नहीं रहे इस धरती पर, तो कैसा होगा यह जीवन?
तब समझ पाओगे ब्रह्माण्ड का वो अबूझ रहस्यऔर प्रकृति की निरंतरता का समीकरणजो जीवन के मूल से उठकर......... तब समझ पाओगे ब्रह्माण्ड का वो अबूझ रहस्यऔर प्रकृति की निरंतरता का समीकरणजो जीवन ...